अरब जगत के प्रख्यात विश्लेषक अब्दुलबारी अतवान का कहना है कि सिडनी में हुआ हमला, जिसमें 12 लोग मारे गए, संभवतः ज़ायोनी खुफिया एजेंसी मोसाद ने करवाया है। उनका मानना है कि इसका मकसद दुनिया में यहूदी-विरोधी भावना को फिर से भड़काना और अवैध ज़ायोनी राष्ट्र इस्राईल को एक 'शिकार' के रूप में पीड़ित पेश करना है।
अतवान के अनुसार, गज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के कारण हज़ारों फिलिस्तीनियों की मौत के बाद, दुनिया की सहानुभूति इस्राईल से हट गई है। ऐसे में, यह हमला एक नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है ताकि इस्राईल फिर से अपने को 'पीड़ित' बता सके और विश्व स्तर पर हो रही आलोचना को दबा सके।
वे कहते हैं कि अतीत में भी ज़ायोनिस्ट आंदोलन ने यहूदियों के खिलाफ हमले करवाए थे ताकि उन्हें फिलिस्तीन जाने पर मजबूर किया जा सके। इसलिए, सिडनी जैसे हमले की साजिश रचना उनके लिए नई बात नहीं होगी।
इस हमले के बाद, इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया सरकार पर यहूदी-विरोधी होने का आरोप लगाया, जबकि ईरान ने हमले की निंदा की है। अतवान का मानना है कि नेतन्याहू गज़्ज़ा और लेबनान में अपनी सैन्य नाकामियों को छिपाने और नई लड़ाइयाँ शुरू करने के लिए ऐसे हमलों को बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिडनी हमला इस्राईल द्वारा प्रायोजित एक साजिश हो सकती है, जिसका लक्ष्य दुनिया का ध्यान गज़्ज़ा नरसंहार से हटाकर, फिर से यहूदी-विरोध के खिलाफ एक मुहिम छेड़ना है।
15 दिसंबर 2025 - 15:09
समाचार कोड: 1762147
अतीत में भी ज़ायोनिस्ट आंदोलन ने यहूदियों के खिलाफ हमले करवाए थे ताकि उन्हें फिलिस्तीन जाने पर मजबूर किया जा सके। इसलिए, सिडनी जैसे हमले की साजिश रचना उनके लिए नई बात नहीं होगी।
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